Trump ने Indian Pharma Products पर लगाया 25% Tariff – भारत को बड़ा झटका!

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31 जुलाई को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय निर्यात पर 25% Traffic लगाने का एलान किया, जिससे भारतीय उद्योगों में चिंता की लहर दौड़ गई है। खासतौर पर फार्मा सेक्टर, जो अमेरिका को सबसे ज़्यादा जेनेरिक दवाएं एक्सपोर्ट करता है, अब इस फैसले की मार झेलने की कगार पर है। हालांकि अभी तक फार्मा सेक्टर को अप्रैल में घोषित रेसिप्रोकल टैरिफ से छूट मिली हुई थी, लेकिन अब ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि फार्मा सेक्टर पर भी जल्द ही टैरिफ लागू किया जाएगा।

भारत की जेनेरिक दवाएं और शून्य शुल्क का युग खत्म होने की कगार पर

अब तक भारत से अमेरिका को जेनेरिक दवाओं का निर्यात जीरो Traffic पर होता रहा है। लेकिन यदि नया 25% शुल्क फार्मा सेक्टर पर लागू हो गया, तो यह कंपनियों के मुनाफे और कीमतों पर सीधा असर डाल सकता है। कंपनियों के सामने अब कुछ कठिन विकल्प हैं या तो इस अतिरिक्त लागत को ग्राहकों पर डालना होगा जिससे दवाएं महंगी होंगी, या फिर ऐसे उत्पादों को बंद करना पड़ेगा जो अब लाभदायक नहीं रहे। कुछ कंपनियां अमेरिका में ही निर्माण शुरू करने पर विचार कर सकती हैं, लेकिन वहां लागत ज़्यादा होने के कारण यह विकल्प बहुत व्यावहारिक नहीं दिखता।

US Imposes 25% Tariff on Indian Pharma Exports
Traffic

किन कंपनियों पर पड़ेगा सीधा असर और कौन बच सकता है इस संकट से

Sun Pharma, Dr. Reddy’s, Divi’s Labs, Cipla, Aurobindo, Lupin और Biocon जैसी बड़ी जेनेरिक फार्मा कंपनियों के शेयरों में दबाव देखा जा सकता है। वहीं, जिन कंपनियों का फोकस घरेलू बाज़ार पर है, जैसे Eris Lifesciences, Ajanta Pharma, Torrent Pharma या हॉस्पिटल सेक्टर की कंपनियां जैसे Apollo Hospitals, Fortis Healthcare, Shalby और Aster DM इन पर ज़्यादा असर नहीं पड़ेगा। डायग्नोस्टिक कंपनियां जैसे Dr. Lal PathLabs और Metropolis भी फिलहाल सुरक्षित मानी जा सकती हैं।

फार्मा इंडेक्स स्थिर लेकिन दबाव की आहट साफ

बुधवार को Nifty Pharma Index ज़्यादा नहीं बदला, लेकिन बीते एक महीने में इसमें 5% की तेज़ी देखी गई है। Laurus Labs और Eris जैसी मिडकैप कंपनियां अपने उच्चतम स्तर पर पहुंची हैं, लेकिन यदि Traffic लागू होता है, तो यह ग्रोथ रुक सकती है।

संकट के साथ छुपा अवसर भी

US Imposes 25% Tariff on Indian Pharma Exports
Traffic

जहां एक ओर ट्रंप की नीति ने भारतीय फार्मा कंपनियों की नींद उड़ा दी है, वहीं यह मौका भी है कि कंपनियां अपने व्यापार मॉडल को फिर से परखें और घरेलू मांग की ओर ध्यान केंद्रित करें। फार्मा सेक्टर ने हमेशा मुश्किल हालात में रास्ता निकाला है और शायद इस बार भी कुछ कंपनियां इस संकट को अवसर में बदल सकें।

Disclaimer: यह लेख विभिन्न वित्तीय और समाचार स्रोतों से मिली जानकारी पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी निवेश या व्यावसायिक सलाह नहीं है। किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।